मिट्टी की जांच अथवा मृदा परीक्षण से जुडी अति आवश्यक जानकारी हिंदी में पढ़ें ( soil testing why ? when ? and how ? ) कब फसल की कटाई...
मिट्टी की जांच अथवा मृदा परीक्षण से जुडी अति आवश्यक जानकारी हिंदी में पढ़ें (soil testing why ? when ? and how ? )
कब
- फसल की कटाई हो जाने अथवा परिपक्व
खड़ी फसल में।
- प्रत्येक तीन वर्ष में फसल मौसम
शुरू होने से पूर्व एक बार।
- भूमि में नमी की मात्रा कम से कम
हो।
क्यों
- सघन खेती के कारण खेत की मिट्टी में
उत्पन्न विकारों की जानकारी।
- मिट्टी में विभिन्न पोषक तत्वों की
उपलब्धता की दशा का बोधक।
- बोयी जाने वाली फसल के लिए पोषक
तत्वों की आवश्यकता का अनुमान।
- संतुलित उर्वरक प्रबन्ध द्वारा अधिक
लाभ।
कैसे
- एक एकड़ क्षेत्र में लगभग 8-10 स्थानों से ‘V’ आकार के 6 इंच गहरे गहरे गढ्ढे बनायें।
- एक खेत के सभी स्थानों से प्राप्त
मिट्टी को एक साथ मिलाकर ½ किलोग्राम का एक सन्युक्त नमूना बनायें।
- नमूने की मिट्टी से कंकड़, घास इत्यादि अलग करें।
- सूखे हुए नमूने को कपड़े की थैली में
भरकर कृषक का नाम, पता, खसरा संख्या, मोबाइल नम्बर, आधार संख्या, उगाई जाने वाली फसलों आदि का ब्यौरा दें।
- नमूना प्रयोगशाला को प्रेषित करें
अथवा’ ‘परख’ मृदा परीक्षण किट द्वारा स्वयं परीक्षण करें।
पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का वर्गीकरण
पौधे जडो द्वारा
भूमि से पानी एवं पोषक तत्व, वायु से कार्वन
डाई आक्साइड तथा सूर्य से प्रकाश ऊर्जा
लेकर अपने विभिन्न भागों का निर्माण करते है। पोषक तत्वों को पौधों की आवश्यकतानुसार निम्न प्रकार वर्गीकृत
किया गया है। मुख्य पोषक तत्व- नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश।
गौण पोषक तत्व- कैल्सियम, मैग्नीशियम एवं गन्धक।
सूक्ष्म पोषक
तत्व- लोहा, जिंक, कापर, मैग्नीज, मालिब्डेनम, बोरॉन एवं क्लोरीन।